Diya Kumari Deputy CM of Rajasthan: राजस्थान में दो डिप्टी सीएम होंगे. दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा डिप्टी सीएम होंगे. वासुदेव जी देवनानी स्पीकर होंगे. विधायक दल की बैठक में फैसला हुआ है. मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को पार्टी ने लागू किया गया है. जयपुर के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं. वो 2019 में सांसद रही, बाद में पार्टी के फैसले को मानते हुए उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा.
प्रेम चंद बैरवा दूदू से बीजेपी के विधायक चुने गए हैं. वे इस बार के चुनाव में 35743 वोटों के अंतर जीते हैं. उन्होंने चुनाव में बाबूलाल नागर को हराया है. इन्होंने 1995 में ब्लॉक संगठन से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
भजन लाल शर्मा होंगे सीएम
Diya Kumari Deputy CM of Rajasthan: बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीएम के नाम पर चौंकाया. भजन लाल शर्मा के नाम पर विधायक दल की बैठक में मुहर लगी. वो पहली बार विधायक बने हैं और सीधे सीएम की कुर्सी तक पहुंच गए हैं. भजन लाल ब्राह्मण समाज से आते हैं. वसुंधरा राजे ने खुद उनके नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में रखा. इस तरह से बीजेपी ने छत्तीगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान तीनों जगहों पर नए चेहरे को मौका दिया. खास बात ये रही कि इन तीनों नाम कहीं भी रेस में नहीं थे.
इससे पहले बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह दोपहर जयपुर पहुंचे. राजनाथ सिंह के साथ सह-पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडेय भी जयपुर पहुंचे थे. राजस्थान में बीजेपी के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी चार्टर्ड विमान से उनके साथ पहुंचे. बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर नेताओं का स्वागत किया. यहां से ये लोग हवाईअड्डे के पास एक होटल में पहुंचे. राज्य में 200 में से 199 सीट के लिए हुए चुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किये जा चुके हैं. 115 सीट पर जीत हासिल कर बीजेपी बहुमत हासिल करने में कामयाब रही है. राजस्थान उन तीन राज्यों में से एक है जहां बीजेपी ने हाल के चुनावों में जीत हासिल की है.
Read Aloso: Bhajan Lal Sharma Cm In Rajasthan
बीजेपी राज में 30 साल बाद फिर उपमुख्यमंत्री
बता दें कि इससे पहले राजस्थान में भाजपा राज में कभी दो उपमुख्यमंत्री नहीं रहे। 1952 से लेकर अब तक प्रदेश में पांच उपमुख्यमंत्री रहे। इनमें चार कांग्रेस और एक भाजपा के राज में बनाए गए थे। वहीं, 2002-2003 में कांग्रेस राज में दो डिप्टी सीएम रहे थे। 1993 में भाजपा ने पहली और आखिरी बार हरिशंकर भाभड़ा को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया था। इस बार पार्टी ने एक उपमुख्यमंत्री बनाकर 30 साल बाद यह प्रयोग दोहराया। दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं इसलिए यह भाजपा की ओर से एक नई शुरुआत है।