bhagat singh Jayanti wishes 2024: Quotes, Status, Posters,बायोग्राफी, देशभक्ति से भरपूर मैसेज, स्टेट्स, कविता, शहीद भगत सिंह जयंती जो कि प्रतिवर्ष 28 सितंबर को मनाई जाती है, क्योंकि भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर फैसलाबाद (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था, Quotes, Status, Posters,बायोग्राफी, देशभक्ति से भरपूर मैसेज, स्टेट्स.
उनके जन्म को लेकर कुछ विद्वानों ने कहा कि उनका जन्म अक्टूबर में हुआ था, लेकिन हर वर्ष की भांति अबकी बार भी 28 सितंबर को ही पूरे भारत देश में जोश और उत्साह के साथ यह जयंती मनाई जाएगी इसके साथ ही शहीदे-आजम-भगत सिंह का आज 115 वां जन्मदिन है जो कि 28 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा|
भगत सिंह कौन थे?
शहीद भगत सिंह ने अपने 23 वर्ष की उम्र में ही ऐसे महान और ऐतिहासिक कार्य किए जिसके कारण आज संपूर्ण भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर याद किया जाता है|
भगत सिंह जी ने शहीद-ए-आजम के नाम से भी जाना जाता था, यह एक स्वतंत्र सेनानी तथा एक महान क्रांतिकारी महान देशभक्त थे|
शहीद भगत सिंह की जीवनी / बायोग्राफी
Bhagat Singh Jayanti 2023: इनका जन्म 28 सितंबर 1960 को पंजाब में हुआ था, यह जाट परिवार के निवासी थे भगत सिंह के पिता सरदार किशन सिंह थे और उनकी माता विद्यावती थी तथा उनके चाचा सरदार अजीत सिंह थे|
भगत सिंह हमेशा एक ही बात कहते थे कि मेरा जीवन एक महान उद्देश्य के लिए समर्पित है और वह उद्देश्य “देश को आजादी दिलाना है इसीलिए मुझे तब तक चैन नींद और भूख नहीं लग पाएगी जब तक मेरा देश आजाद ना हो जाए और ना ही मुझे कोई इस संसार में कुछ पाने की इच्छा है सिवाय मेरे देश की आजादी”|
जलियांवाला बाग हत्याकांड
जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना मैं शहीद भगत सिंह को देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना जगाई इस हत्याकांड के बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह आगे चलकर भारतीय सभा की स्थापना करेंगे जिसके माध्यम से उन्होंने स्वतंत्रता दिलाने का प्रयास किया |
भगत सिंह गांधीजी के अहिंसा आंदोलन भी शामिल हुए और आगे चलकर नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य भी रहे लेकिन जब 1921 में चोरा चोरी हत्याकांड हो तो उसके बाद उन्होंने गांधीजी के रास्ते पर चलना छोड़ दिया
नाम | भगत सिंह (Bhagat Singh) |
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जन्म | 28 सितंबर 1907, |
स्थान | बंगा ब्रिटिश भारत |
माता-पिता | विद्यावती – सरदार किशन सिंह |
मृत्यु | 23 मार्च 1931, लाहौर सेंट्रल जेल (उम्र: 23 वर्ष) |
23 मार्च 1931 Day | शहीद दिवस |
संगठन | नौजवान भारत सभा, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन |
पहचान | भारतीय क्रांतिकारी, शहीद-ए-आज़म |
स्मारक | हुसैनीवाला, राष्ट्रीय शहीद स्मारक |
क्योंकि चोरा चोरी कांड हुआ घटना ने भगत सिंह को अंदर से हिला कर रख दिया और उसके बाद उन्होंने गांधी जी के ग्रुप से हट कर चंद्रशेखर आजाद के गदर दल में शामिल हो गए और 9 सितंबर को उन्होंने एक सरकारी खजाना लूटा जिसमें उनकी अहम भूमिका रही जिसे काकोरी कांड के नाम से जाना जाता है |
इसके बाद शहीद भगत सिंह ने अंग्रेज सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और आगे चलकर सेंट्रल असेंबली के सभागार भवन पर बम गिरा दिया|
Bhagat Singh Jayanti 2023: लाहौर षड्यंत्र के दौरान भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु इन तीनों को फांसी की सजा सुना दी गई तथा इसी के साथ उनके एक मित्र बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 23 मार्च 1931 के दिन शाम को 6:00 बजे सुखदेव राजगुरु के साथ-साथ भगत सिंह को फांसी पर लटका दिया गया तो था इन्होंने निसंकोच देश की आजादी के लिए निसंकोच बलिदान दे दिया |
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bhagat Singh Jayanti 2024 : बायोग्राफी, देशभक्ति से भरपूर मैसेज, स्टेट्स, कविता
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।।
– भगत सिंह
“राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।“ ~ भगत सिंह
“क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।” ~ भगत सिंह
जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है।
दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।।
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा।
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।।
जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है,
उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी,
उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।।
– भगत सिंह
“बम और पिस्तौल क्रांति नहीं करते। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है।” – भगत सिंह
“वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे।”
bhagat singh Jayanti wishes
राख का हर एक कण,
मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूं,
जो जेल में भी आजाद है।।
– भगत सिंह
वे मुझे मार सकते हैं,लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।।वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,मेरी आत्मा को नहीं।।-भगत सिंह
भगत सिंह ने एक शक्तिशाली नारा ‘इंकलाब जिंदाबाद’ गढ़ा, जो भारत के सशस्त्र संघर्ष का नारा बन गया।
“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।“
भगत सिंह
“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।“
भगत सिंह
bhagat Singh Jayanti shyari in hindi
“The people generally get accustomed to the established order of things and begin to tremble at the very idea of a change. It is this lethargical spirit that needs to be replaced by the revolutionary spirit.”
“Revolution does not necessarily involve sanguinary strife nor is there any place in it for individual vendetta.”
“Bombs may kill the hungry, the naked, and the homeless, but they cannot kill hunger, exposure, and homelessness.”
“I am not a terrorist and I never was, except perhaps in the beginning of my revolutionary career. And I am sorry I was one.”
bhagat singh Jayanti wishes
“They may kill me, but they cannot kill my ideas.”
“Revolution is an inalienable right of mankind. Freedom is an imperishable birthright of all.”
bhagat singh Jayanti wishes
“Merciless criticism and independent thinking are the two necessary traits of revolutionary thinking.”
“Any man who stands for progress has to criticize, disbelieve and challenge every item of the old faith.”
“The sanctity of law can be maintained only so long as it is the expression of the will of the people.”
bhagat singh Jayanti wishes
“I emphasize that I am full of ambition and hope and of full charm of life. But I can renounce all at the time of need, and that is the real sacrifice.”
bhagat singh Jayanti wishes
“Lovers, Lunatics, and poets are made of same stuff.”
“My love of life makes me love the art of living.”
“Freedom is the soul of every country, community, and civilization.”
“I am convinced that the truest act of courage is to sacrifice ourselves for others in a totally nonviolent struggle for justice.”
bhagat singh Jayanti wishes
“The aim of life is no more to control the mind, but to develop it harmoniously; not to achieve salvation here after, but to make the best use of it here below.”
“Philosophy is the outcome of human weakness or limitation of knowledge.”
“Bombs and pistols do not make a revolution. The sword of revolution is sharpened on the whetting-stone of ideas.”
“The only way to reform is to abolish altogether.”
bhagat singh Jayanti wishes
“The sword of revolution is sharpened on the whetting-stone of ideas.”
“Every tiny molecule of ash is in motion with my heat I am such a lunatic that I am free even in jail.”
bhagat singh Jayanti wishes
bhagat singh jayanti speech in marathi
आदरणीय प्राचार्य, शिक्षक आणि माझे प्रिय सहकारी मित्र,
आज आम्ही भारतीय इतिहासातील एकमेव ऐतिहासिक आणि प्रेरणादायक क्रांतिकारींच्या जन्मदिनाची स्मृती करण्यासाठी एकत्रीत झालो आहोत – भगत सिंह जयंती. २८ सप्टेंबर, १९०७ रोजी जन्मलेले भगत सिंह भारतीय स्वातंत्र्य संग्रामात एक महत्त्वाचे सदस्य होते आणि देशाच्या स्वातंत्र्याच्या कार्यासाठी २३ वर्षाच्या तरुणच्या वयात आपले जीव बलिदान केले.
भगत सिंह फक्त एक स्वातंत्र्यसैनिक नव्हते, पण साथी एक बुद्धिजीवी होते ज्याने क्रांती लावण्यासाठी विचारांच्या शक्तीचा विश्वास ठेवला होता. त्यांची सोशलिस्टी चांगली होती आणि त्यांनी हरीश्चंद्र तंडन, सुखदेव, राजगुरू आणि इतर क्रांतिकारींच्या सहभागीतेने देशात समाजाच्या सदस्यांसाठी समान अवसर आणि हक्क उपलब्ध करण्याचे विचार केले होते. त्यांनी विचारले होते की, हे स्वतंत्र देश म्हणजे त्याचे भगत सिंहांनी विचारले होते की, हे स्वतंत्र देश म्हणजे त्याचे हरेक नागरिकासाठी न्यायाची असली पडताळणी करणारी आणि अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षण आणि रोजगार या सर्व क्षेत्रांत असमानता नसल्याचे देखील शेवटचा पाय ठेवणारी समाजाची आवश्यकता असते. त्यांचे आश्वासन होते की, समाजातील दरवळच्या आधारावर येणारे क्रांतीकारी बदल आणि समाजाचे दृष्टिकोन स्थिर करून ठेवणार आहेत.
त्यांच्या कार्याची आणि त्यांच्या देशभक्तपणाची स्मृती नंतर आम्ही त्यांच्या मनात त्यांच्या आश्वासनांच्या नियतांचा विचार करू शकतो. आपल्या देशाचे उद्धार करण्यासाठी, आपल्या समाजाच्या सर्वांगीण विकासाच्या दिशेनुसार काम करण्याची जबाबदारी आमची आहे. त्यासाठी आपण सर्वोत्तम प्रयत्न करू आणि स्वतंत्र भारताचे दीप जलवू देऊया. जय हिंद!