Anant Chaturdashi Wishes, Powerful Quotes, Inspirational Messages “अनंत चतुर्दशी एक विशेष हिंदू त्योहार है जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन, लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और 14 गांठों वाला एक विशेष धागा बांधते हैं जिसे ‘रक्षा सूत्र’ कहा जाता है।
अनंत चतुर्दशी क्यों महत्वपूर्ण है:
अनंत चतुर्दशी के दिन हम भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को संसार का रक्षक और अनंत शक्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके हम एक सफल और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
इस दिन रक्षा सूत्र बांधने का भी बहुत महत्व है। इस धागे को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और इसे बांधने से नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य से रक्षा होती है।
Property | Value |
Name | Anant Chaturdashi Wishes |
Other Names | अनंत चौदस |
Followers | हिंदू, भारतीय, जैन |
Type | हिंदू |
Purpose | सभी इच्छाओं की पूर्ति |
Date | भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी |
Anant Chaturdashi Shlock/ मंत्र
अनंन्तसागरमहासमुद्रेमग्नान्समभ्युद्धरवासुदेव।
अनंतरूपेविनियोजितात्माह्यनन्तरूपायनमोनमस्ते॥
Anant Chaturdashi
अनंत चतुर्दशी कैसे मनाई जाती है:
- इस दिन लोग सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के लिए एक विशेष स्थान स्थापित करते हैं।
- वे भगवान विष्णु को फूल, चावल, धूप, दीप और विशेष भोजन चढ़ाते हैं। फिर, वे उनका आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना और मंत्रों का जाप करते हैं।
- प्रार्थना के बाद, लोग अपनी कलाइयों पर 14 गांठों वाला ‘रक्षा सूत्र’ बांधते हैं।
- अनंत चतुर्दशी वह दिन भी है जब लोग भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन करते हैं, जो गणेश चतुर्थी के दौरान स्थापित की गई थीं।
- कुछ लोग विशेष व्रत रखते हैं और इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य चीजें देते हैं।
- महत्वपूर्ण तथ्य (Facts):
- Anant Chaturdashi का महत्व:
अनंत चतुर्दशी भद्रपद मास के चौदहवें दिन मनाया जाता है, इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और ‘रक्षा सूत्र’ के रूप में विशेष धागा 14 गण्ठों के साथ बांधते हैं।
- विश्वास:
अनंत चतुर्दशी के दिन हम भगवान विष्णु के अनंत रूप में पूजा करते हैं। भगवान विष्णु को दुनिया के प्रक्षेपक और अनंत शक्ति और ज्ञान के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इस दिन हम उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं, जिससे हमारा जीवन सफल और समृद्ध हो।
- ‘रक्षा सूत्र’ का महत्व:
इस दिन ‘रक्षा सूत्र’ को बांधना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस धागे को भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में माना जाता है, और इसे बांधने से हमें नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी भाग्य से सुरक्षा मिलती है।
Anant Chaturdashi Quotes
“गणेश चतुर्दशी के इस शुभ अवसर पर,आप सभी के ऊपर भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद बना रहे “
“विघ्नहर्ता गणेश के आगमन की हम सभी का स्वागत है! गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति… “
“गणेश चतुर्दशी के इस पावन मौके पर, मनोकामनाएँ पूरी हों और जीवन में सुख-शांति मिले।”
Anant Chaturdashi Image
“गणेशा के आगमन से हमारे जीवन का हर कार्य सरल हो, हर मुश्किल आसान हो।”
“गणपति बप्पा की कृपा और आशीर्वाद सदैव आपके साथ हो।”
“गणेश चतुर्दशी के इस पावन मौके पर, आपके जीवन में खुशियों की बरसात हो।”
“गणपति बप्पा के आगमन के साथ, सभी बिगड़े काम बन जाएं।”
Anant Chaturdashi Wishes
“भगवान गणेश के आगमन से हमारे जीवन को नया आरंभ मिले, और सभी दुख-दरिद्रता दूर हो।”
“गणेश चतुर्दशी के इस पावन मौके पर, हम सभी को बुद्धि, धैर्य, और सफलता प्राप्त हो।”
“गणपति बप्पा के आगमन के साथ, हर दिन हमारे जीवन को खुशियों से भर दें।”
“गणेश चतुर्थी के इस शुभ अवसर पर, मैं आप सभी को भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद की कामना करता हूं।”
पूजा और व्रत से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs):
Anant Chaturdashi कब मनाई जाती है?
अनंत चतुर्दशी भद्रपद मास के चौदहवें दिन मनाई जाती है, जो चांद के उदय के साथ शुरू होती है और चांद के अस्त होने पर समाप्त होती है।
‘रक्षा सूत्र’ का महत्व क्यों है ?
‘रक्षा सूत्र’ को बांधने से हमारी रक्षा का संकेत मिलता है और यह हमें नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। यह भगवान विष्णु का प्रतीक होता है और हमें उनकी कृपा की ओर इशारा करता है।
अनंत चतुर्दशी कैसे मनाई जाती है?
इस दिन, लोग सुबह स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के लिए विशेष स्थान स्थापित करते हैं। वे फूल, चावल, धूप, दीपक, और विशेष आहार की पूजा करते हैं। फिर वे प्रार्थना और मंत्र जप करके भगवान की कृपा की बिन्ती करते हैं।
अनंत चतुर्दशी कैसे मनाई जाती है?
इस दिन लोग अपने कलाइयों पर 14 गण्ठों के साथ ‘रक्षा सूत्र’ बांधते हैं।
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